Tenali Raman Stories in Hindi The Greedy Brahmins
Tenali Raman Stories in Hindi The Greedy Brahmins : राजा कृष्णदेवराय की माता जी बहुत धार्मिक स्वभाव की थीं। एक दिन उन्होंने अपने पुत्र राजा कृष्णदेव राय को बताया कि वह पके हुए आम खाना चाहती है। अगली सुबह राजा ने अपने दरबारियों से पके हुए आम लाने को कहा परंतु उसी दिन आम आने से पहले ही राजा कृष्णदेव राय की माता जी की मृत्यु हो गई। राजा को बहुत दुख हुआ कि वह अपनी वह अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी नहीं कर पाए।
राजा ने सभी आवश्यक धार्मिक संस्कार विधिपूर्वक समापन किए। आखिरी दिन, उसने कुछ ब्राह्मणों को बुलाया और उन्हें भोजन कराया, अब ब्राह्मणों ने उनसे उनकी माताजी की आखिरी इच्छा पूछि। ब्रा ब्राह्मणों के पूछने पर राजा कृष्णदेव राय ने बताया कि उनकी आखिरी इच्छा पके हुए आम खाने की थी। ब्राह्मण लालची थे, इसलिए उन्होंने राजा कृष्णदेव राय से कहा कि अगर वह सभी ब्राह्मणों को 101 सोने के बने हुए आम दक्षिणा में दे देंगे तो उनके माता जी की पके आम खाने की इच्छा स्वर्ग में जरूर पूरी हो जाएगी। राजा कृष्णदेव राय तो अपनी मां की इच्छा पूरी करने को एकदम तैयार हो गए।
राजा कृष्णदेव राय ने 101 सोने के आम बनवाने का कार्य तेनाली रामन को छुपा क्योंकि यह उनकी माता जी की अंतिम इच्छा का पूरी करने का सवाल था। आवाज सुनते ही तेनाली समझ गए हैं कि यह ब्राह्मण लालची है परंतु वह कर भी क्या सकते थे। आखिर उनके राजा ने उन्हें यह कार्य जो सौंपा था।
राजा ने अगली सुबह ब्राह्मणों को सोने के आमों को देने के लिए आमंत्रित किया। अगले दिन जब राजा ने 101 सोने के आम ब्राह्मणों को दान में दे दिए। ब्राह्मण सोने के आम पाकर बहुत खुश थे। तब तेनाली रामन ने ब्राह्मणों से कहा वह भी अपनी माता जी की अंतिम इच्छा पूरी कर कराना चाहते हैं। नाली के मुंह से यह बात सुनकर ब्राह्मण और भी अत्यधिक प्रसन्न हो गए उन्हें लगा कि हो ना हो तेनाली भी उन्हें कुछ अच्छा ही दान में देंगे। ऐसा सोचकर ब्राह्मणों ने तुरंत कहा हां हां क्यों नहीं बताइए क्या थी आपकी मां की अंतिम इच्छा? उन्होंने कहा कि आपकी मां जी की जो भी अंतिम चाहो उसका यदि आप 10 गुना हमें देंगे तो आपकी मां जी की अंतिम इच्छा पर मैं जरूर पूरी होगी।
अब बारी तेनाली की थी सारी बात सुनने के बाद तेनाली ने उस सैनिकों को भेजकर 10 लोहे की गर्म सलाखें मंगाई। यह देखकर बहुत घबरा गए और बोले यह क्या है तेनालीराम?
तेनाली ने ब्राह्मणों को बताया कि उनकी मां को गाठिया था। उन्हें बहुत दर्द रहता था और वह अपने दर्द को कम करने के लिए गरम गरम लोहे के सरिए से अपने पैरों को जलाने की इच्छा रखती थी। तेनाली ने उन्हें बताया कि गठिया से पीड़ित होने से ही उनकी माँ की मृत्यु हो गई थी। इस प्रकार एमाली, वह ब्राह्मणों के पैरों को जलाना चाहता था ताकि उसकी मां की आत्मा को शांति मिले।
ब्राह्मणों को तेनाली की चाल समझ में आ गई। ब्राह्मणों ने सर्व शर्म से अपना सर झुका लिया और माफी मांगते हुए राजा को सभी सोने के आम वापस कर दिए। और वहां से लौट गए।
राजा समझ गए थे कि कैसे ब्राह्मणों ने उन्हें उनकी मां की अंतिम इच्छा पूरी करने के नाम पर बेवकूफ बनाया था।
शिक्षा Conclusion of Tenali Raman Stories in Hindi The Greedy Brahmins
एक लालची नहीं होना चाहिए और जो उनके पास है, उसमें उन्हें खुश होना चाहिए।
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