Panchatantra stories in Hindi प्यासा कौवा
Panchatantra stories in Hindi प्यासा कौवा : एक बार की बात है एक जंगल में एक कौवा रहता था ! एक दिन वह धूप में उड़ रहा था ! उड़ते उड़ते उसे बहुत प्यास लगी वह पानी की प्यास में आसमान में काफी काफी दूर तक उड़ता रहा, लेकिन उसे कहीं पानी नहीं दिखा ! जब वह थक गया तो नीचे उतरा उसने देखा नीचे एक घड़ा था जिसमें थोड़ा सा पानी था !
जब कव्वे ने पानी पीना चाहा तो उसकी सोच पानी तक जा ही नहीं पाई उसने हर तरह से पानी पीने की कोशिश की लेकिन सब बेकार हो गई ! कौवे को प्यास बहुत तेज लगी थी वह पानी पीने के उपाय सोचने लगा अचानक उसे एक उपाय समझ आया और उसने अपने आसपास के छोटे-छोटे कम करो कंकड़ को इकट्ठा किया और एक-एक करके अपने घड़े में डालता गया जब तक पानी ऊपर नहीं आया जैसे ही पानी घड़े में ऊपर आ गया कव्वे ने पानी जी भर के पानी पिया और उड़ गया !
इस तरह कौवे ने अपनी मेहनत और सहनशील सहनशक्ति से अपनी प्यास बुझाई और जान बचाई !
शिक्षा Conclusion of Panchatantra stories in Hindi प्यासा कौवा
मेहनत और सहनशक्ति हम कोई भी कार्य संपन्न कर सकते हैं
कैसे हो दोस्तों। आपको यह Panchatantra stories in Hindi प्यासा कौवा कहानी कैसी लगी? उम्मीद है आपने इस कहानी को खूब enjoy किया होगा। अब एक छोटा सा काम आपके लिए भी, अगर यह कहानी आपको अच्छी लगी हो तो सोशल मीडिया जैसे Facebook, Twitter, LinkedIn, WhatsApp (फेसबुक टि्वटर लिंकडइन इंस्टाग्राम व्हाट्सएप) आदि पर यह पंचतंत्र की कहानी को खूब शेयर करिए।
इसके अलावा और कहानियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें Moral Stories In Hindi
धन्यवाद…
0 Comments