Motivational Story In Hindi – चील और मुर्गी
(Short Motivational Story In Hindi)
Motivational Story In Hindi – चील और मुर्गी: हेलो दोस्तों कैसे हैं आप लोग। आज फिर एक नई मोटिवेशनल कहानी के साथ आपके साथ फिर से हाजिर हूं। यह कहानी परवरिश और सोच के ऊपर है। बिना समय व्यर्थ करते हुए हम सीधे कहानी शुरू करते हैं। बात पुराने समय की है। एक जंगल में काफी ऊंचा बरगद का पेड़ था। चील आमतौर पर अपना घोंसला ऊंचे वृक्षों पर ही बनाती हैं। इस बरगद के पेड़ पर भी एक चील ने अपना घोंसला बनाया हुआ था।
एक बार काफी तेज हवाएं चल रही थी और इसी बीच चील का अंडा घोसले से निकलकर नीचे एक जंगली मुर्गी के घोसले में गिर गया। चील को और मुर्गी को दोनों को ही इस बात का एहसास नहीं हुआ। जंगली मुर्गी अपने अंडों की तरह चील के अंडों की भी रखवाली करते रही।
बाद में अंडा फूटा और उसमें से मुर्गी के बच्चे के बजाय चील का बच्चा निकला। मुर्गी अंतर को नहीं समझ पाई और उसमें सील के बच्चों को अपना बच्चा समझ कर पालना शुरू कर दिया। उस चील के बच्चे का व्यवहार, खाने-पीने की आदतें और उड़ान सब मुर्गी की तरह ही थे। वह केवल उतना ही ऊंचा उड़ पाता था जितना कि एक मुर्गा या मुर्गी उड़ पाते हैं।
वहीं दूसरी तरफ एक बार चील आकाश में उड़ रही थी और उसकी नजर नीचे एक दूसरी चील पर पड़ी जो कि बिल्कुल मुर्गियों जैसा बर्ताव कर रही थी। उसको बहुत ही आश्चर्य हुआ। उसने पास जाकर पूरा मामला समझने के कोशिश की।
उसने उस चील के बच्चे से पूछा कि तुम और ऊंचा क्यों नहीं उड़ते, चील के हिसाब से यह बहुत कम ऊंचाई है। चील के बच्चे को समझ में ही नहीं आया कि वह क्या जवाब दें। उसने बोला मैं तो एक मुर्गा हूं और मुर्गा इतना ऊंचाई तक उड़ता है।
उस चील के बच्चे से बातचीत के दौरान चील को यह बात समझ में आ चुकी थी कि यह उसका ही बच्चा है जो कि गलती से नीचे गिर गया होगा। उसने बड़े प्यार से अपने बच्चे को अपने ऊपर बैठाया और उड़ा कर अपने घोंसले तक ले गई।
उसमें उस बच्चे को समझाया देखो, तुम देखने में बिल्कुल मेरी तरह लगते हो। और मैं तो चील हूं मैं मुर्गा नहीं हूं। मेरे ख्याल से तुम्हारी परवरिश मुर्गी के बच्चों के साथ हुई है इसलिए तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम मुर्गी और मुर्गे हो। जबकि वास्तविकता में तुम एक चील हो। और तुम एक बहुत ऊंची उड़ान भरने के लिए ही पैदा हुए हो।
यह सुनकर उस चील के बच्चे को एहसास होने लगा कि वह चील ही है। अभी बातचीत हो ही रही थी की चील ने उस बच्चे को घोसले से नीचे फेंक दिया। जब वह बच्चा नीचे गिर रहा था तो वह बहुत ही डर गया और डर के मारे उसने अपने दोनों पंख फैला दिया। पंख फैलाते हैं वह सचमुच चील की तरह ही उड़ रहा था। क्योंकि वह एक चील ही था। अब उसकी मां उसके पास आ गई और दोनों काफी देर तक यूं ही आसमान में उड़ते रहे।
Moral of the Motivational Story In Hindi – चील और मुर्गी story
कई बार हमारे आसपास के व्यक्ति हमें कुछ भी नया प्रयोग करने से रोकते हैं। वैसा मानते हैं कि कुछ भी नया करने का प्रयास किया गया तो नाकामी हाथ लगेगी। तो नाकामी के डर से वह प्रयास भी नहीं करते। हमें ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और सकारात्मक सोच के साथ और पूरे आत्मविश्वास के साथ नए प्रयोग करने चाहिए। और कभी कभी एक धक्का आत्मविश्वास जगा देता है।
और मोटिवेशनल कहानियां हिंदी में पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें Motivational Story in Hindi
आशा है यह कहानी आपको पसंद आई होगी। यदि पसंद आई है तो कृपया इसे शेयर जरूर करिएगा।
0 Comments