Fairy and Witch – पुण्य मणि
Fairy and Witch – पुण्य मणि: परीलोक में सभी परियां काफी घबराई हुई थी। यह देख कर रानी परी ने एक सभा बुलाई और सभी निश्चित समय पर सभा में पहुंच गए।
वहां पहुँचकर रानी परी ने कहा, ” चुड़ैल लोक की चुड़ैल, हमारी पुण्य मणि को हमसे लेना चाहती है और वह इसके लिए कुछ भी करने को तैयार है।अगर यह मणि उसके हाथ लाग गयी तो अनर्थ हो जाएगा। हमारी शक्तियां खत्म होने लगेंगी और अंत में हम शक्ति विहीन हो जाएंगी। “
” फिर तो हमें उस चुड़ैल को रोकना होगा ” नीली परी ने कहा।
सभी इस बात से सहमत हो गए और पुण्य मणि की सुरक्षा में जुट गए । इसके बाद मणि की सुरक्षा और भी बढ़ा दी गयी और इसके साथ ही पूरे परीलोक की सुरक्षा बढ़ा दी गयी और गुप्तचरों को सावधान रहने को कहा गया और इसकी ज़िम्मेदारी जलपरी को दी गयी।
कुछ दिनों बाद खतरे का अलार्म बजा चुड़ैल ने अपने सैनिकों के साथ परीलोक को घेर लिया। इसकी सूचना मिलते ही रानी परी भी लालपरी, जलपरी, गुलाबीपरी तथा अन्य परियों के साथ आ पहुंची।
तभी चुड़ैल के सैनिकों ने पारी लोक पर आक्रमण कर दिया साथ में परीलोक पर अग्नि वर्षा कर दी।
इसके जवाब में परियों के पास जलपरी थी, जिसने पल भर में ही सारी अग्नि अपने जल प्रवाह से बुझा दी।
उसके बाद चुड़ैल के सैनिक पत्थर बरसाने लगते है जिसे हवापरी दूर उड़ा देती है। अपने हथियारों को नष्ट होता देखकर चुड़ैल अपने सैनिकों को हमला करने का आदेश देती है और जवाब में परीलोक के सैनिक भी हमला करते हैं।
बहुत भीषण युद्ध होता है और चुड़ैल हारने लगती है।बहुत कोशिश करती है जीतने की लेकिन खुद को हारा हुआ देखकर वह अपनी माया का प्रयोग शुरू करती है। वह कभी ग़ायब हो जाती तो कभी कई रूपों में आती तो सबकी परछाईं बनकर आक्रमण करती।
उसके युद्ध से परी-सेना परेशान होने लगी। तब रानी परी ने मायावीपरी का आह्वान किया। मायावीपरी ने आते ही अपनी माया से चुड़ैल के सारे मायावी शक्तियों को नष्ट कर दिया और अपनी एक तेज किरण से उसका वध कर दिया। इस तरह से परियों ने पुण्य मणि की रक्षा की।
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